पटना: बिहार पुलिस अब सड़कों पर भारी हथियारों के साथ नहीं, बल्कि आधुनिक सुरक्षात्मक उपकरणों से लैस दिखाई देगी। राज्य पुलिस मुख्यालय ने विधि-व्यवस्था और सामान्य गश्ती को अधिक जवाबदेह, संवेदनशील और कम घातक बनाने के लिए एक नई नीति को लागू किया है। अब सिपाहियों के हाथों में बंदूक की जगह पॉलीकार्बोनेट लाठी, शील्ड, बॉडी प्रोटेक्टर और बीपी हेलमेट नजर आएंगे।
अपर पुलिस महानिदेशक (प्रोविजनिंग) अजिताभ कुमार के अनुसार, सभी जिलों और इकाइयों को यह आधुनिक सुरक्षा सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। इसका मकसद है कि भीड़ नियंत्रण के दौरान सिपाहियों को सुरक्षा मिले और मुठभेड़ों या विरोध-प्रदर्शनों में जानलेवा हथियारों के इस्तेमाल की नौबत न आए।
🔹 थ्री नॉट थ्री राइफलें होंगी इतिहास
पुरानी थ्री नॉट थ्री राइफलों को चरणबद्ध रूप से हटाया जा रहा है। अब उनकी जगह अधिक प्रभावी एसएलआर 7.62 एमएम राइफलें दी जा रही हैं। वहीं, विशेष इकाइयों और डायल 112 इमरजेंसी सेवा में तैनात जवानों को पिस्टल और ऑटोमेटिक गन दी जा रही हैं, जिससे उनका रिस्पॉन्स टाइम बेहतर होगा।
🔹 भर्ती और प्रशिक्षण में भी बदलाव
हाल ही में नियुक्त हुए 21 हजार से अधिक सिपाही और आगामी 19 हजार नए जवानों की बहाली को ध्यान में रखते हुए, प्रशिक्षण केंद्रों को डमी और असली हथियारों के साथ आवश्यक सामग्री भी दी जा रही है। इससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा।
बिहार पुलिस की यह नई पहल एक ओर जहां पुलिसबल को आधुनिक बनाएगी, वहीं दूसरी ओर आम नागरिकों में सुरक्षा को लेकर विश्वास भी मजबूत करेगी।