"फंसाने चली थीं, खुद फंस गईं!" – झूठे रेप केस में महिला और बेटी पर कोर्ट ने कसा शिकंजा



Begusarai News | बेगूसराय से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो न सिर्फ कानून की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि झूठ का पर्दा ज्यादा देर नहीं टिकता। खोदावंदपुर की एक महिला और उसकी बेटी ने अपने विरोधियों को फंसाने के लिए जो चाल चली थी, अब वही उनके गले की फांस बन गई है।

🔍 मामला क्या है?

खोदावंदपुर थाना क्षेत्र के मेघौल गांव की राजकुमारी देवी ने 27 जून 2024 को अपनी बेटी आरती कुमारी के साथ मंझौल के 8 लोगों पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें शंभू सहनी, संजय सहनी, अजय सहनी और रणजीत सिंह सहनी जैसे नाम शामिल थे। मामला दर्ज हुआ – खोदावंदपुर थाना कांड संख्या 176/2024।

🕵️‍♀️ जांच में खुली पोल

पुलिस ने मामले की गहन जांच की। धारा 164 के तहत पीड़िता का बयान दर्ज तो हुआ, मगर उसने मेडिकल जांच से साफ इनकार कर दिया। न कोई गवाह, न कोई सबूत। जांच पूरी होने पर पुलिस ने साफ तौर पर कहा – ये मामला पूरी तरह फर्जी और मनगढ़ंत है।

⚖️ कोर्ट ने खुद उठाया कदम

एसडीजेएम मंझौल मयंक कुमार पांडेय की अदालत ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर खुद संज्ञान लेते हुए महिला और उसकी बेटी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 182 और 211 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही यह सवाल भी उठाया कि पुलिस ने झूठे केस का खुलासा तो किया, मगर खुद से 182/211 की रिपोर्ट क्यों नहीं दाखिल की?

अब कोर्ट ने संबंधित पुलिस अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है और अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी गई है।