शिक्षा व्यवस्था की जमीनी हकीकत उजागर करती 20 सूत्री समिति की समीक्षा बैठक



खोदावंदपुर (बेगूसराय)। शिक्षा व्यवस्था में सुधार और ज़मीनी स्तर की चुनौतियों को समझने के उद्देश्य से शुक्रवार को प्रखंड अंतर्गत बीआरसी भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह समीक्षा बैठक 20 सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत हुई, जिसकी अध्यक्षता समिति के प्रखंड अध्यक्ष मनीष कुमार ने की।


बैठक में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (प्रभारी) प्रीति कुमारी, शिक्षा समिति के सदस्यगण तथा प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों से आए प्रधानाध्यापक (प्रभारी) शामिल हुए। बैठक की शुरुआत विनोद कुमार ने की, जिन्होंने विद्यालयों की मौजूदा स्थिति को ‘चिंताजनक’ बताते हुए सभी प्रधानाध्यापकों से ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की अपील की।


बैठक में शिक्षा के मूल मुद्दों पर सीधी बात हुई — छात्रों की घटती उपस्थिति, भवनों की जर्जर स्थिति, शिक्षकों की कमी और शैक्षणिक संसाधनों की असमान आपूर्ति जैसे विषयों ने सबका ध्यान खींचा। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि विभाग की प्राथमिकता गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, समय पर पाठ्यक्रम की पूर्ति और योजनाओं का पारदर्शी संचालन है। उन्होंने एमडीएम, छात्रवृत्ति और यूनिफॉर्म वितरण जैसी योजनाओं को निष्पक्षता से लागू करने का निर्देश दिया।


बैठक का माहौल उस समय और गंभीर हो गया जब प्रधानाध्यापकों ने खुलकर अपनी समस्याएं साझा कीं। किसी विद्यालय में भवन जर्जर है तो कहीं छात्रों को किताबें समय पर नहीं मिल पा रही हैं। कुछ स्कूलों में नियमित शिक्षक नहीं हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है।


20 सूत्री समिति के अध्यक्ष मनीष कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि शिक्षा से जुड़े कार्यों में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों और शिक्षकों से जवाबदेही सुनिश्चित करने की बात कही और चेताया कि लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई निश्चित रूप से होगी।


बैठक के दौरान समिति के सदस्य कुन्दन कुमार ने एक अहम मुद्दा उठाया — "इस भीषण गर्मी में कई विद्यालयों में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है। बच्चों को कड़ी धूप में पानी के लिए भटकना पड़ता है।" उनका आग्रह था कि जल आपूर्ति को प्राथमिकता पर लिया जाए और स्वच्छ पानी की समुचित व्यवस्था की जाए।


इस समीक्षा बैठक ने न केवल शिक्षा व्यवस्था की कमियों को सामने लाया, बल्कि यह भी दर्शाया कि यदि स्थानीय प्रशासन और समाज मिलकर काम करें, तो बदलाव की राह आसान हो सकती है। बैठक में समिति के उपाध्यक्ष अजय कुमार, मोहम्मद इकलाख, विकास कुमार, जितेंद्र कुमार समेत अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।


इस बैठक ने यह साफ किया कि शिक्षा व्यवस्था को सिर्फ आंकड़ों से नहीं, बल्कि जमीनी सच्चाई से सुधारने की जरूरत है — और इस दिशा में यह एक सकारात्मक कदम था।