बिहार को मिला न्यूक्लियर पावर प्लांट, नवादा में लगेगा पूर्वी भारत का पहला रिएक्टर

बिहार को मिला न्यूक्लियर पावर प्लांट, नवादा में लगेगा पूर्वी भारत का पहला रिएक्टर



पटना, जून 2025: बिहार के विकास को ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई रफ्तार मिलने जा रही है। केंद्र सरकार ने राज्य में न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की मंजूरी दे दी है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पटना में इस बात की घोषणा की। वह यहां पूर्वी क्षेत्रीय ऊर्जा मंत्रियों की पांचवीं बैठक में शामिल होने पहुंचे थे।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि पूरे देश में कुल छह स्मॉल न्यूक्लियर रिएक्टर लगाए जाने की योजना है, जिनमें से एक रिएक्टर बिहार में लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से केंद्र को भेजा गया था, जिसे अब मंजूरी दे दी गई है।


नवादा के रजौली में प्रस्तावित है न्यूक्लियर प्लांट

बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट नवादा जिले के रजौली प्रखंड के पास स्थित फुलवरिया जलाशय क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। यह पूर्वी भारत का पहला न्यूक्लियर पावर स्टेशन होगा। इस परियोजना को लेकर लंबे समय से विचार-विमर्श और तकनीकी सर्वेक्षण चल रहा था।

यदि यह परियोजना समय पर पूरी होती है तो इससे बिहार सहित झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों की बिजली जरूरतों को काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा।


बिजली आपूर्ति को लेकर बिहार को राहत

ऊर्जा मंत्री ने बैठक में यह भी घोषणा की कि बिहार को आगामी महीनों के लिए 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, 1000 मेगावाट की बिजली स्टोरेज की मांग को भी केंद्र सरकार ने स्वीकृति दे दी है।

उन्होंने कहा कि बिहार ने बिजली क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है। अब तक 80 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जो राज्य को स्मार्ट पावर ग्रिड की ओर ले जा रहा है।


भारत बिजली में सरप्लस, पड़ोसी देशों को कर रहा सप्लाई

मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि देश अब बिजली उत्पादन में सरप्लस की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पीक डिमांड के लिए 270 गीगावाट का लक्ष्य रखा था, लेकिन अभी 242 गीगावाट में ही जरूरतें पूरी हो जा रही हैं। ऐसे में अब भारत पड़ोसी देशों को भी बिजली निर्यात कर रहा है।


2047 तक न्यूक्लियर ऊर्जा का बड़ा लक्ष्य

केंद्र सरकार ने वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट न्यूक्लियर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। बिहार में न्यूक्लियर प्लांट की स्थापना इसी दिशा में एक अहम कदम है। इस परियोजना से न केवल बिजली की स्थिरता बढ़ेगी बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।