भारत की सैन्य ताकत को नया आयाम: अग्नि-V का पारंपरिक संस्करण जल्द होगा तैनात



डेस्क: भारत की रणनीतिक सैन्य क्षमताओं को एक नई दिशा मिलने वाली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) देश की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-V’ का एक नया गैर-परमाणु संस्करण तैयार कर रहा है। यह नया संस्करण न केवल तकनीकी रूप से उन्नत होगा, बल्कि इसमें लगभग 7.5 टन वजनी पारंपरिक (non-nuclear) वारहेड लगाया जाएगा, जो लगभग 2000 से 2500 किलोमीटर तक सटीक हमला करने में सक्षम होगा।

क्या है खास इस नए संस्करण में?

अब तक अग्नि-V मिसाइल को परमाणु हथियारों के साथ प्रयोग किया जाता था, लेकिन इस बार DRDO एक ऐसा संस्करण विकसित कर रहा है जो पारंपरिक विस्फोटकों से लैस होगा। यह "सुपर हैवी वारहेड" दुश्मन के भीतर तक जाकर सैन्य ठिकानों, हथियार डिपो, एयरबेस और रणनीतिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह तबाह करने में सक्षम होगा — वह भी बिना परमाणु हथियारों के प्रयोग के।

रणनीति में बड़ा बदलाव

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की सैन्य नीति में एक संतुलित प्रतिरोधक क्षमता (Balanced Deterrence) को दर्शाता है। भारत लंबे समय से 'नो फर्स्ट यूज़' की परमाणु नीति का पालन करता आ रहा है, और ऐसे में यह नया कदम बताता है कि देश अब पारंपरिक साधनों से भी निर्णायक जवाब देने की तैयारी में है।

तकनीकी विशेषताएं:

मिसाइल: अग्नि-V (ICBM)

वारहेड: लगभग 7.5 टन, पारंपरिक विस्फोट

रेंज: 2000-2500 किमी

मारक क्षमता: दुश्मन के भीतर मौजूद सामरिक ठिकानों पर सटीक हमला

संभावित परीक्षण: आगामी महीनों में

दुनिया को संकेत

भारत का यह कदम न केवल सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक स्पष्ट संकेत भी है कि भारत अब केवल परमाणु शस्त्रों पर निर्भर नहीं रहेगा। गैर-परमाणु लेकिन उच्च-विनाशक शक्ति वाली मिसाइलें न केवल जवाबी कार्रवाई में असरदार होंगी, बल्कि किसी भी संभावित हमले के पहले स्तर पर निर्णायक प्रतिक्रिया देने में भी सक्षम होंगी।

बंकर ब्लास्टर से कई गुना ज्यादा खतरनाक!

इस अग्नि-V के पारंपरिक संस्करण को सुपर हैवी बम की श्रेणी में रखा जा सकता है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, यह 7.5 टन का पारंपरिक वारहेड इतना शक्तिशाली होगा कि दुश्मन के भूमिगत बंकरों, एयरशेल्टर और रणनीतिक कमांड सेंटर्स को भी नेस्तनाबूद कर सकेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि

 "यह सुपर मिसाइल पारंपरिक बंकर ब्लास्टर बमों से कई गुना अधिक घातक होगी। इसका विस्फोटक प्रभाव क्षेत्र बड़ा होगा, और यह दुश्मन की गहराई में छिपी सैन्य तैयारियों को भी पूरी तरह बर्बाद कर सकती है।"


इससे भारत की पारंपरिक हमलावर क्षमता को वह शक्ति मिलेगी, जो अब तक केवल परमाणु हथियारों से ही मानी जाती थी — लेकिन अब बिना रेडिएशन, बिना वैश्विक दबाव, और तेज, निर्णायक प्रहार की क्षमता के साथ।